Last Date of Submission of Paper
Notification of Acceptance
Last Date of Submitting Camera Ready Copy
Conference Dates
The All India Council for Technical Education
(AICTE) has launched a new scheme ‘AICTEVAANI’
to promote Indian regional languages
among the faculty members and students to ensure
effective teaching learning process. VAANI, which
stands for Vibrant Advocacy for Advancement and
Nurturing of Indian Languages, was launched by
AICTE Chairman Prof TG Sitharam and Padma Shri
awardee and chairman of the High-Powered
Committee for the Promotion of Indian Languages
Chamu Krishna Shastry at AICTE HQ in New Delhi.
The scheme will offer financial assistance to AICTE
approved Institutions for conducting
conferences/seminars/workshops of minimum 2 days
to maximum 3 days in emerging areas of technical
education in 12 regional languages. The 12 emerging
fields under the scheme for organizing
conferences/seminars/workshops include ‘Advanced
Materials, Rare earth & critical minerals,
Semiconductor, Space and Defense, Blue Economy,
Energy, Sustainability & Climate Change, Advanced
Computing (Supercomputing, AI, Quantum
Computing), Next Gen Communications, Smart
Cities & Mobility, Aggrotech & Food processing,
Health Care & Med-Tech, Disaster Management &
Resilient Infrastructure and Manufacturing &
Industry 4.0.
अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन - एआईसीटीई) ने एक नई योजना 'एआईसीटीई- वाणी ' शुरू की है, जिसका उद्देश्य शिक्षकों और छात्रों के बीच भारतीय क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा देना है ताकि शिक्षण-प्रक्रिया अधिक प्रभावी हो सके। वाणी का पूरा नाम "वाइब्रेंट एडवोकेसी फॉर एडवांसमेंट एंड नर्चरिंग ऑफ इंडियन लैंग्वेजेज़" है। इस योजना का शुभारंभ एआईसीटीई के चेयरमैन प्रोफेसर टी.जी. सीताराम और पद्मश्री पुरस्कार विजेता और भारतीय भाषाओं के प्रचार के लिए गठित उच्च-स्तरीय समिति के अध्यक्ष चामू कृष्ण शास्त्री द्वारा नई दिल्ली स्थित एआईसीटीई मुख्यालय में किया गया। यह योजना एआईसीटीई द्वारा मान्यता प्राप्त संस्थानों को वित्तीय सहायता प्रदान करेगी, ताकि वे उभरते हुए तकनीकी शिक्षा क्षेत्रों में 12 क्षेत्रीय भाषाओं में न्यूनतम 2 दिन और अधिकतम 3 दिन के सम्मेलन/सेमिनार/कार्यशालाओं का आयोजन कर सकें। योजना के तहत 12 उभरते हुए क्षेत्र जिनमें सम्मेलन/सेमिनार/कार्यशालाओं का आयोजन किया जाएगा, उनमें 'उन्नत सामग्री, दुर्लभ और महत्वपूर्ण खनिज, सेमीकंडक्टर, अंतरिक्ष और रक्षा, समुद्री संसाधनों पर आधारित नीली अर्थव्यवस्था (ब्लू इकोनॉमी), ऊर्जा, स्थिरता और जलवायु परिवर्तन, उन्नत कंप्यूटिंग (सुपरकंप्यूटिंग, एआई, क्वांटम कंप्यूटिंग), गली पीढ़ी की संचार प्रणाली, स्मार्ट शहर और गतिशीलता, कृषि प्रौद्योगिकी और खाद्य प्रसंस्करण, स्वास्थ्य देखभाल, आपदा प्रबंधन और संधारणीय संवर्धित ढांचा, और विनिर्माण और उद्योग 4.0 शामिल हैं।